निर्माण तथा भवन निर्माण सामग्री क्या हैं?
निर्माण तथा भवन निर्माण की सामग्री आर्किटेक्चर का एक अभिन्न हिस्सा है साथ ही यह एक गहन विषय भी है। सरल शब्दों में कहें तो 'निर्माण' एक इमारत या किसी Structure के निर्माण की प्रक्रिया है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान, भवन निर्माण के लिए नई तकनीको तथा Materials का विकास हुआ है। इस लेख में, हम भवन निर्माण के इतिहास, भवन निर्माण में उपयोग होने वाले कुछ सामन्य Materials के गुणों(Properties of materials), उनकी विशिष्टताओं, निर्माण की तकनीकों तथा वास्तुकला में उनका उपयोग पर चर्चा करेंगे।
भवन निर्माण का इतिहास
निर्माण तकनीक, तथा सामग्री के इतिहास के अनुसार, निवास स्थल का पहला निर्माण, एक 'झोंपड़ी' के रूप में सरल उपकरणों और हाथों से किया गया था। सरल शब्दों में में कहे तो उन्हें बनाने के लिए लकड़ी, घास, पत्थर, मिट्टी जैसे स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्रियों का उपयोग करते थे। फिर समय तथा शहरो के विकास के साथ साथ शिल्पकारों (भवन निर्माण करने वाले लोग) का एक समूह अस्तित्व में आने लगा, जिनमे मूर्तिकार, बढ़ई तथा ईंट बनाने वाले आदि लोग होते थे और धीरे धीरे इनका विस्तार होता गया।
19 वीं शताब्दी में, क्रेन, बुलडोजर, तथा डीजल, बिजली से चलने वाले वाहनों और मशीनरी का उपयोग निर्माण क्षेत्रों में किया जाने लगा। अब 20 वीं शताब्दी में, निर्माण को 'फास्ट-ट्रैक निर्माण' के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि इमारतों तथा High rise Structure के निर्माण के लिए आजकल Precast (जैसे कॉलम और बीम कारखानों में बनाये जातें हैं) Construction Material उपलब्ध है। यह Construction fields में उपयोग की जाने वाली सबसे लोकप्रिय प्रकार की तकनीकों में से एक है।
भवन सामग्री / Building Materials
भवन निर्माण सामग्री वे सामग्रियां हैं जिनका उपयोग भवन या किसी भी प्रकार के स्ट्रक्चर को बनाने के लिए निर्माण क्षेत्र में किया जाता है। निर्माण कार्य में विभिन्न प्रकार की सामग्रियों का उपयोग विभिन्न ग्रेडों और गुणों के साथ किया जाता है, उदाहरण के लिए ईंटें, सीमेंट, रेत, स्टील बार, एग्रीगेट, टाइल, पत्थर, प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) आदि सभी भवन निर्माण की सामग्री है। इन सभी का उपयोग बिल्डिंग डिजाइन और उचित निर्देशों द्वारा आवश्यकता के अनुसार किया जाता है। निर्माण में उपयोग की जाने वाली कुछ सामन्य निर्माण सामग्री इस प्रकार हैं:
1. ईंट
ईंटो को एक सामान आयताकार ब्लॉक में गीली मिट्टी से साँचो द्वारा बनाया जाता है, फिर इन आयताकार ब्लॉक्स को सख्त बनाने के लिए धुप में सूखा कर इन्हे आग के भट्टों में रखा जाता है। सामन्यता एक अच्छे स्टैण्डर्ड की ईंट का आकर 19 सेमी x 9 सेमी x 9 सेमी है। मोर्टार के साथ इसका आकर 20 सेमी x 10 सेमी x 10 सेमी हो जाता है। ईंट की ऊपरी सतह पर जँहा आमतौर पर निर्माता का नाम या मौहोर होती है उसे फ्रॉग कहा जाता है।
Brick | ईंट |
2. पत्थर
पत्थर एक प्राकृतिक मटेरियल है। जिसमें चट्टान के एक टुकड़े को छेनी तथा हतोड़े जैसे भरी कटिंग उपकरणों की सहयता से आकर दिया जाता है। इमारतों में उपयोग होने वाले पत्थर चट्टानों से ही प्राप्त होते है, निर्माण कार्यों में यह नींव, दीवार, मेहराब, छत, लिंटल्स, फ़र्श के लिए तथा फ़ुटपाथ एवं सड़कों, आदि के निर्माण में भी सामग्री के रूप में उपयोग किए जाते हैं। इनका उपयोग पुल निर्माण, PIERS और बांधों को बनाने में भी किया जाता है।
3. सीमेंट
सीमेंट जोड़ने के लिए उपयोग होने वाला मटेरियल है। जो किसी दूसरे मटेरियल को साथ में जोड़ता है था कठोर या ठोस अवस्था प्रदान करता है। सामन्यता सीमेंट पत्थरो को पीस कर तथा जला कर बनया जाता है। यह मिट्टी की तरह होता है, जिसमें मैग्नेशिया और चूने के कार्बोनेट की कुछ मात्रा होती है। भारत में सीमेंट बैग सामन्यता 50 किलोग्राम में उपलब्ध होते है, वहीं संयुक्त राज्य में सामन्यता सीमेंट बैग की मात्रा 43 किलोग्राम होती है। सामन्यता सीमेंट गहरे हरे रंग में ग्रे कलर का होता है। इसका टेक्सचर चिकना होता है, तथा यह गांठो से मुक्त होता है, तथा यह मोर्टार में उपयोग होने वाला एक महत्वपूर्ण मटेरियल है।
4. रेत
रेत प्राकृतिक द्वारा पाये जाने वाला एक कंड़ात्मक अथवा दानेदार मटेरियल है जो सामन्यता बलुआ पत्थर के विभाजन तथा खनिज कणों से बनता है। टेक्सचर की द्रष्टि से ये मिट्टी जैसा ही होता है तथा इसे इसके कणों के आकर के आधार से भी पहचना तथा वर्गीकृत किया जा सकता है। कंस्ट्रक्शन में रेत का उपयोग उसके कणों के आकर पर ही निर्भर करता है। इसे आकर में सामन्यता तीन वर्गों में विभाजित किया जाता है - महीन , माध्यम तथा मोटे दानेदार। मोर्टार में रेत भी एक मुख्य मटेरियल के रूप में उपयोग होता है। नदी तथा समुद्र रेत प्राप्ति के प्राकृतिक संसाधन है।
5. एग्रीगेट्स
एग्रीगेट पत्थर की तरह ठोस अकार्बनिक तथा अक्रिय मटेरियल है। सामन्यता इसका उपयोग मोर्टार में ही होता है। इसके अलावा, पोर्टलैंड सीमेंट कंक्रीट (कैल्शियम, सिलिका, लोहा और एल्यूमिना जैसे रासायनिक घटकों का मिश्रण) बनाने के लिए भी एग्रीगेट्स का उपयोग किया जाता है। एग्रीगेट्स को उनके विभिन्न गुणों और किस्मों के आधार पर भी वर्गीकृत किया जा सकता है, जैसे आकर के अनुसार ये मोटे तथा महीन हो सकते है, वजन में हल्के सामन्य या भारी हो सकते है, स्रोत की द्रिष्टी से प्राकृतिक और मानव निर्मित दो तरह वर्गीकृत किया जा सकता है।
6. मोर्टार
मोर्टार सीमेंट या चूने (बाइंडिंग मटेरियल), रेत (महीन एग्रीगेट) तथा आवश्यक मात्रा में पानी के मिश्रण को मिलाकर तैयार किया गया पेस्ट होता है। इसका उपयोग ईंट या पत्थर के स्ट्रक्चर को जोड़ने के लिए किया जाता है। इसी प्रकार, इसके के दो मुख्य मटेरियल, महीन एग्रीगेट तथा बाइंडिंग मटेरिअल हैं। जिसे मैट्रिक्स कहते है। इसकी की स्थायित्व और शक्ति मुख्य रूप से मैट्रिक्स की गुणवत्ता और मात्रा पर निर्भर करती है। इसे विभिन्न ग्रेड के मिश्रण के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है जैसे M15 (1: 2: 4), M20 (1: 1.5: 3), M25 (1: 1: 2), आदि। इसे सीमेंट: सैंड: एग्रीगेट के अनुपात के रूप में भी परिभाषित किया जाता है। इसके लिए ये तीन मटेरियल महत्वपूर्ण तत्व हैं।
7. टाइल्स
टाइल टिकाऊ और लचीली सामग्रियों जैसे पत्थर, चीनी मिट्टी, धातुओं और कांच से बना हुआ एक सपाट पटिया होती है। यह पहली बार मिस्र की सभ्यता में एक Building Material के रूप में इस्तेमाल किया गया था, यह उस समय रॉयल्टी, समृद्धि तथा शान को भी दर्शाता है। मध्ययुगीन काल में, इसे आमतौर पर मिट्टी (स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्री) का उपयोग करके बनाया जाता था, तथा इसे जला कर और गर्म कर के ठोस बनाया जाता था। दूसरे शब्दों में इसे विभिन्न आकर में मिट्टी की बानी हुई पतली पटिया कहा जा सकता है। आजकल, टाइलें विभिन्न किस्मों के साथ कारखानों में बन रही हैं जैसे कि एचडी टाइलें, मोज़ाइक, विट्रीफाइड, सरेमिक (ग्लेज़्ड, अनग्लेज़्ड, मैट फिनिश, ग्लॉसी, इत्यादि). भारत में बड़ी स्केल में टाइल उद्योग ’गुजरात में है।
8. टिम्बर
टिम्बर अंग्रेजी के शब्द 'टिम्बरियन' से बना शब्द है जिसका अर्थ है 'निर्माण करना'। सामन्य भाषा में इसे लकड़ी कहते है, जो बढ़ईगीरी, भवन संरचनाओं तथा अन्य इंजीनियरिंग कार्यों के लिए उपयोग में आती है। एक पेड़ का तना, जिसकी परिधि कम से कम 600 मिमी हो, उसे ही निर्माण कार्य के लिए उपयोग किया जा सकता है। पेड़ की तने पर बनी सॅपवुड (रिंग्स की संख्या) से लकड़ियों की उम्र की पहचान की जाती है। टिम्बर की सीज़निंग एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया के बाद ही लड़की निर्माण कार्य के लिए उपयुक्त होती है। इसका उपयोग विभिन्न कार्यों, जैसे दरवाजे, खिड़कियां, फर्नीचर, सीमेंट कंक्रीट के लिए फॉर्मवर्क, सेंटरिंग, अस्थायी पुल, नाव, संगीत वाद्ययंत्र तथा उपकरण, आदि के लिए किया जाता है।
इस लेख में, हमने Building Construction में उपयोग होने वाले कुछ Basic Materials पर चर्चा की। हमारे आने वाले लेखों में, हम प्रत्येक मटेरियल के गुणों, बनाने की प्रक्रिया, उनकी तकनीकों और उपयोगों के बारे में विस्तृत चर्चा करेंगे।
2 टिप्पणियाँ
भवन निर्माण कार्य के लिए कार्य वार सामग्री की मात्रा कैसे निकाले आसान तरीका बताए
जवाब देंहटाएंखडकांचे प्रकार कोणतेही एका प्रकार माहिती लिहा
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